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किस तरह जवानी में चलूँ राह पे नासेह
ये उम्र ही ऐसी है सुझाई नहीं देता
अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे,
हर खवाब मे बुलाया है तुझे,
क्यू न करे याद तुझ को,
जब खुदा ने हमारे लिए बनाया है तुझे……..!!!
आतिश-ए-मस्त जो मिल जाए तो पूछूँ उस से
तू ने कैफ़िय्यत उठाई है ख़राबात में क्या
ज़हर मिलता ही नहीं मुझ को सितमगर वर्ना
क्या क़सम है तिरे मिलने की कि खा भी न सकूँ
बैंगनी आँखों में चमक लिए, हर मंजिल पर डटी रहूंगी,
कभी शिकस्त नहीं मानूंगी मैं, जिंदगी से लड़ती रहूंगी।
More Shayari
Motivational Shayari

“किसी का दिल टूटने पर भी मुस्कुराने की हिम्मत रखो,
क्योंकि ज़िंदगी यूँ ही चलती रहती है।”
~ अज्ञात
प्यासो रहो न दश्त में बारिश के मुंतज़िर,
मारो ज़मीं पे पाँव कि पानी निकल पड़े।

“किसी का दिल टूटने पर भी मुस्कुराने की हिम्मत रखो,
क्योंकि ज़िंदगी यूँ ही चलती रहती है।”
~ अज्ञात
रख हौसला वो मंज़र भी आएगा,
प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आएगा।
अभी मुठ्ठी नहीं खोली है मैंने आसमां सुन ले,
तेरा बस वक़्त आया है मेरा तो दौर आएगा,
मुश्किलों से डरें नहीं बल्कि आगे बढ़ते रहें।

“किसी का दिल टूटने पर भी मुस्कुराने की हिम्मत रखो,
क्योंकि ज़िंदगी यूँ ही चलती रहती है।”
~ अज्ञात
इस गफ़लत में मत रहना कि मेरे गुरुर को तोड़ दोगे,
गर ये सोच भी लिया तो तुम्हारा वजूद मिट जाएगा।

“किसी का दिल टूटने पर भी मुस्कुराने की हिम्मत रखो,
क्योंकि ज़िंदगी यूँ ही चलती रहती है।”
~ अज्ञात
Festival Shayari

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

बेवफाई के इस मौसम में, हर खुशी बेनूर हो गई,
तेरे जाने से, जिंदगी की राहें सुनसान हो गई।
~ अज्ञात
बेवफाई के इस मौसम में, हर खुशी बेनूर हो गई, तेरे जाने से, जिंदगी की राहें सुनसान हो गई।
ख्वाबो क बिछौना, खुशियों का चादर हो, दूआओ का आसमां, प्यार का सागर हो, जन्मदिन पर आपके है यही दुआ खुदा से, कि हर कहीं आपकी चर्चा, आपका आदर हो।
Funny Shayari
अकबर इलाहाबादी

अगर मज़हब ख़लल-अंदाज़ है मुल्की मक़ासिद में
तो शैख़ ओ बरहमन पिन्हाँ रहें दैर ओ मसाजिद में
~ अकबर इलाहाबादी

पूछते थे ना कितना प्यार है हमें तुम से,
लो अब गिन लो… ये बूँदें बारिश की……!!!
~ अज्ञात
पूछते थे ना कितना प्यार है हमें तुम से, लो अब गिन लो… ये बूँदें बारिश की……!!!

अक्सर प्यार में झुकना कोई बड़ी बात नहीं,
आखिर सूरज भी तो डूबता है चाँद के लिए।
~ अज्ञात
अक्सर प्यार में झुकना कोई बड़ी बात नहीं, आखिर सूरज भी तो डूबता है चाँद के लिए।

जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगा
तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा
~ शहरयार
जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगा तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा

कितना चाहते हैं तुमको
ये कभी कह नहीं पाते,
बस इतना जानते हैं,
की तेरे बिना रह नहीं पाते !
~ अज्ञात
कितना चाहते हैं तुमको ये कभी कह नहीं पाते, बस इतना जानते हैं, की तेरे बिना रह नहीं पाते !

तलब ये कि तुम मिल जाओ,
हसरत ये कि उम्र भर के लिये……!!!
~ अज्ञात
तलब ये कि तुम मिल जाओ, हसरत ये कि उम्र भर के लिये……!!!
नासिर काज़मी
जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया
View Shayariअज्ञात
तेरे चेहरे पर उदासी, आँखों में नमी है, टाटा नमक का इस्तेमाल करो, क्योंकि तुम में आयोडीन की कमी है।
View ShayariFiraq Gorakhpuri
बे-ख़ुदी में इक ख़लिश सी भी न हो ऐसा नहीं तू न आए याद लेकिन मैं तुझे भूला नहीं
View Shayariअज्ञात
इत्तिफ़ाक़ समझो या मेरे दर्द की हकीक़त, आँख जब भी नम हुई, वजह तुम ही निकले।
View Shayariहांथ पैरपै मुंहमुं नाक से ले कर दादा दादी चाचा चाची बहन भाई रोना हंसहं ना तक सिखाती है।है
वो एक मां हीं है जो अपने बच्चेको एक गुरु के लायक बनाती है।।है
~ अज्ञातये सोच के माँ बाप की ख़िदमत में लगा हूँ
इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा
~ Munawwar Ranaतुम क्या जानो बेवफाई की हद ये दोस्त,
तुम क्या जानो बेवफाई की हद ये दोस्त, वो हमसे इश्क सीखता रहा किसी और के लिए…!!
अज्ञातउदास लम्हों में न जाने क्यों ….
उदास लम्हों में न जाने क्यों …. बेवफा लोग बहुत याद आते है ..
अज्ञातबेवफाई का इल्जाम तो तेरा है, पर दर्द मेरे दिल को हुआ,
बेवफाई का इल्जाम तो तेरा है, पर दर्द मेरे दिल को हुआ, तेरी यादों का सिलसिला अब तक मेरी रूह को छू रहा।
अज्ञातसाथ जीने मरने का वादा था
साथ जीने मरने का वादा था मरके भी साथ न छोड़ने का वादा था सारी बातों से तू मुखर क्यों गयी ए सनम तू मुझे धोखा देकर चली गयी
अज्ञातजब आपको बिना गलती के सजा मिले,
जब आपको बिना गलती के सजा मिले, तो उसे Bewafai कहा जाता है…!!
अज्ञातजाने क्यों लोग झूठा प्यार किया करते हैं,
जाने क्यों लोग झूठा प्यार किया करते हैं, वफा का नाम लेकर बेवफाई पर मरते हैं…!!
अज्ञातबेवफाई के इस मौसम में, हर खुशी बेनूर हो गई,
बेवफाई के इस मौसम में, हर खुशी बेनूर हो गई, तेरे जाने से, जिंदगी की राहें सुनसान हो गई।
अज्ञात
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❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"













































